Thursday, April 4, 2019

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा सफल प्रकरण

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार अनुसूचित जनजाति वर्ग के नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण एवं उनके प्रति किसी भी सामाजिक या व्यक्तिगत अन्याय होने के मामले की सुनवाई करने साथ ही इस वर्ग के हित में विशेष मज़बूत कदम उठाने के प्रति प्रतिबद्ध रहा है । श्री श्यामकांत तुकाराम शेलके, जिनका तबादला गैर-जिम्मेदाराना तरीके से नागपुर से करीब 450 किलोमीटर दूर लातूर में करा दिया गया था, के  आवेदन को आयोग द्वारा संज्ञान में लिया गया एवं मामले की सुनवाई के लिए बैठक रखी गई l इस प्रकरण में श्रीमती माया चिंतामन इवनाते, माननीय सदस्य, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने दिनांक 17/10/2018 को नागपुर के रवि भवन में सुनवाई रखी थी। इस दौरान महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विश्वविद्यालय, नागपुर  के कुलपति एवं रजिस्ट्रार उपस्थित थे जिन्होंने इस प्रकरण पर माननीय सदस्य के साथ विस्तृत चर्चा की तथा माननीय सदस्य ने प्रार्थी के हुए तबादले को रद्द करने एवं  नियमानुसार तबादला हेतु अनुशंसा की । इस मामले को विश्वविद्यालय ने गंभीरता से लेते हुए आयोग की अनुशंसा पर अमल किया तथा प्रार्थी श्री श्यामकांत तुकाराम शेलके का तबादला रद्द कर दिया । इस मामले को एक सफल प्रकरण के रूप में दर्ज किया गया।

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